एक समय की बात है, एक गाँव में एक लड़का, दीपक, और एक लड़की, सीमा, रहते थे। दोनों गहरे मित्र थे और एक-दूसरे की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे। दीपक गरीब था, लेकिन उसका दिल बहुत बड़ा था। सीमा पढ़ाई में तेज थी और दीपक को भी पढ़ने में मदद करती थी।
एक दिन, गाँव में सूखा पड़ा। सभी लोग परेशान थे। दीपक के पास कुछ गेहूँ के दाने थे, जो उसने सीमा के परिवार को दे दिए। सीमा के पिता ने गेहूँ बोया, और चमत्कारिक रूप से, फसल अच्छी हुई। उन्होंने दीपक को उसका हिस्सा देने की कोशिश की, लेकिन दीपक ने मना कर दिया। उसने कहा, “सच्ची मित्रता का मतलब है निःस्वार्थ भाव से मदद करना।”
वर्षों बाद, दीपक ने मेहनत और सीमा की मदद से पढ़ाई पूरी की और एक सफल व्यक्ति बना। उसने सीमा और उसके परिवार की देखभाल की। सीमा ने भी दीपक की सफलता पर गर्व महसूस किया।