यह कहानी एक छोटे से गाँव की है, जहाँ एक लड़का नाम राहुल रहता था। राहुल बहुत ही होशियार और कल्पनाशील था। उसे जादू में बहुत दिलचस्पी थी और वह हमेशा सोचा करता था कि अगर उसे जादू की शक्ति मिल जाए तो वह क्या-क्या कर सकता है।
बूढ़े आदमी ने कहा, “मैं एक जादूगर हूँ, और मैं देख सकता हूँ कि तुम्हारे दिल में जादू की शक्ति पाने की सच्ची इच्छा है। लेकिन जादू केवल उन्हीं को दिया जाता है जो उसका सही उपयोग करना जानते हैं। क्या तुम तैयार हो?”
राहुल ने आत्मविश्वास से कहा, “हाँ, मैं तैयार हूँ। मैं जादू का उपयोग केवल अच्छे कामों के लिए करूंगा।”
बूढ़ा जादूगर उठकर एक चमकदार छड़ी राहुल की ओर बढ़ाता है। “यह जादू की छड़ी है। इसके द्वारा तुम कोई भी इच्छा पूरी कर सकते हो। लेकिन याद रखना, जादू का सही अर्थ उसे दूसरों की भलाई के लिए उपयोग करना है।”
राहुल ने छड़ी ली और धन्यवाद कहा। अब वह जादूगर बन चुका था। पहले तो उसने छोटे-मोटे काम किए, जैसे गाँव के बच्चों के लिए खिलौने बनाना, बीमार लोगों को ठीक करना, और भूखे लोगों के लिए भोजन पैदा करना। धीरे-धीरे, उसके जादू की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैलने लगी।
एक दिन, गाँव में एक बड़ी समस्या आई। पास के पहाड़ से बाढ़ आने का खतरा था, जिससे पूरे गाँव का अस्तित्व खतरे में था। राहुल ने तुरंत अपनी जादू की छड़ी निकाली और एक विशाल दीवार बनाई, जिसने गाँव को बाढ़ से बचा लिया।
गाँव के लोग राहुल के इस साहस और परोपकार से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने उसे सम्मानित किया और उसका धन्यवाद किया। लेकिन राहुल ने विनम्रता से कहा, “जादू का असली अर्थ दूसरों की मदद करना है। यदि हम अपनी शक्ति का सही उपयोग करें, तो हम दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकते हैं।”
इस प्रकार, राहुल ने जादू की शक्ति का सही उपयोग करके न केवल अपने गाँव को बचाया, बल्कि सबको यह सिखाया कि सच्ची शक्ति वही है जो दूसरों की भलाई के लिए इस्तेमाल की जाए।